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“The sour Grapes…”

Dear children…
Today we have going to tell you a short story named as

“The sour Grapes…”
Read it carefully…

Once upon a time, A fox was roaming around the country side.

He happened to pass through a vineyard. On seeing the lush grapes his mouth watered.

First he lifted his head and stretched out. He could not reach the grapes.

He felt the grapes to be higher.

The he stood on his hind legs and stretch. Again, he could not reach them.

At last, He jumped up and jumped up. but he could not reach them.

The grapes were too high to reach. The fox was too tired to try again and again.

Finally, he left the place murmuring,

” The grapes are sour. Who would eat sour grapes?”

Moral of this story is ” a wise man accepts defeat sportingly.”

अंगूर खट्टे है ….

प्यारे बच्चों…
आज हम आपको एक छोटी सी कहानी बताने जा रहे हैं ”
इसे ध्यान से पढ़ें…

एक बार की बात है, एक लोमड़ी जंगल में घूम रही थी।

वह एक अंगूर के बाग से गुज़र रहा थीं। हरे-भरे अंगूर देखकर उसके मुँह में पानी आ गया।

सबसे पहले उसने अपना सिर उठाया और अंगूर तक पहुचने की कोशिश की। वह अंगूरों तक नहीं पहुंच सकी।

उसे अंगूर ऊंचे लगे।

वह अपने पिछले पैरों पर कड़ी हो गई । फिर, वह उन तक नहीं पहुंच सकी ।

आख़िरकार, वह उछल पड़ी। लेकिन वह उन तक नहीं पहुंच सकी।

अंगूर इतने ऊँचे थे कि पहुँचना संभव नहीं था। लोमड़ी बार-बार प्रयास करने से बहुत थक गई थी।

आख़िरकार, वह बड़बड़ाते हुए वहाँ से चला गई की,

“अंगूर खट्टे हैं। खट्टे अंगूर कौन खाएगा?”

इस कहानी से हमें यह सिख मिलती है कि “एक बुद्धिमान व्यक्ति हार को खेल-खेल में स्वीकार कर लेता है।”

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Dear children…
Today we have going to tell you a short story named as The sour Grapes…
Read it carefully…

Once upon a time, A fox was roaming around the country side.

He happened to pass through a vineyard. On seeing the lush grapes his mouth watered.

First he lifted his head and stretched out. He could not reach the grapes.

He felt the grapes to be higher.

The he stood on his hind legs and stretch. Again, he could not reach them.

At last, He jumped up and jumped up. but he could not reach them.

The grapes were too high to reach. The fox was too tired to try again and again.

Finally, he left the place murmuring,

” The grapes are sour. Who would eat sour grapes?”

Moral of this story is ” a wise man accepts defeat sportingly.”

अंगूर खट्टे है ….

प्यारे बच्चों…
आज हम आपको एक छोटी सी कहानी बताने जा रहे हैं ”
इसे ध्यान से पढ़ें…

एक बार की बात है, एक लोमड़ी जंगल में घूम रही थी।

वह एक अंगूर के बाग से गुज़र रहा थीं। हरे-भरे अंगूर देखकर उसके मुँह में पानी आ गया।

सबसे पहले उसने अपना सिर उठाया और अंगूर तक पहुचने की कोशिश की। वह अंगूरों तक नहीं पहुंच सकी।

उसे अंगूर ऊंचे लगे।

वह अपने पिछले पैरों पर कड़ी हो गई । फिर, वह उन तक नहीं पहुंच सकी ।

आख़िरकार, वह उछल पड़ी। लेकिन वह उन तक नहीं पहुंच सकी।

अंगूर इतने ऊँचे थे कि पहुँचना संभव नहीं था। लोमड़ी बार-बार प्रयास करने से बहुत थक गई थी।

आख़िरकार, वह बड़बड़ाते हुए वहाँ से चला गई की,

“अंगूर खट्टे हैं। खट्टे अंगूर कौन खाएगा?”

इस कहानी से हमें यह सिख मिलती है कि “एक बुद्धिमान व्यक्ति हार को खेल-खेल में स्वीकार कर लेता है।”

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