Idol Of Ganpati What Should Be The Idol Of Ganpati? How should Ganpati’s idol be? Some important rules in this regard can be stated as follow/कैसी होनी चाहिए गणपति की मूर्ति? इस संबंध में कुछ महत्वपूर्ण नियम इस प्रकार बताए जा सकते हैं/गणपतीची मूर्ती कशी असावी? या संदर्भात काही महत्त्वाचे नियम पुढीलप्रमाणे सांगता येतील…
Idol Of Ganpati What Should Be The Idol Of Ganpati?
1) Ganapati idol should not be more than 1 feet tall,
2) The idol should be easily lifted and carried by one person,
3) Images of resting position sitting on a throne or leaning on a load are best.
4) Snakes, eagles, fishes, or Ganapati should not be taken while fighting and in strange shapes.
5) Ganapati sitting on Shiva Parvati’s lap should not be taken at all.
Because Shiv Parvati is worshiped in Linga form only, idols are prohibited in the scriptures.
6) Bandage the eyes of Ganesh idol and bring it home.
7) Godliness does not come in that idol until Lord Ganesha becomes Pranapratistha.
Therefore, it should be considered only as soil.
8) Before installing the idol, if the idol is broken due to some reason, one should not be afraid at all, that idol should be immersed quickly by offering curd rice, and another idol should be installed, removing any fear and doubt in the mind.
9) In case of death in the family or relations, instead of family members, Karvi Puja offerings should be offered to neighbors and friends in Sutaka.
10) After Ganapati Pranapratistha, there should be no arguments and no meat or alcohol in the house.
11) Daily offering of simple vegetable bread to Ganapati is fine, only sour and pungent food should be avoided, curd + sugar + rice is the best offering.
12) In konkan malvan area mutton is offered to gourai during gauri festival, this is a very perverted custom, gauri is actually adi shakti parvati, don’t offer demonic worship to parvati by offering forbidden food, stupid practice should be stopped,
13) Say goodbye to God by saying tala mridanga abhang while taking out immersion procession.
Don’t play obscene dances and songs!
Idol Of Ganpati What Should Be The Idol Of Ganpati?
कैसी होनी चाहिए गणपति की मूर्ति? इस संबंध में कुछ महत्वपूर्ण नियम इस प्रकार बताए जा सकते हैं
1) गणपति की मूर्ति 1 फीट से ज्यादा ऊंची नहीं होनी चाहिए,
2) मूर्ति को एक व्यक्ति द्वारा आसानी से उठाया और ले जाना चाहिए,
3) सिंहासन पर बैठे हुए या किसी बोझ के सहारे आराम करते हुए मुद्रा वाली तस्वीरें सबसे अच्छी होती हैं।
4) लड़ाई करते समय सांप, चील, मछली या गणपति को विचित्र आकृतियों में नहीं ले जाना चाहिए।
5) शिव पार्वती की गोद में बैठे हुए गणपति को बिल्कुल भी नहीं लेना चाहिए।
क्योंकि शिव पार्वती की पूजा लिंग रूप में ही की जाती है इसलिए शास्त्रों में मूर्ति वर्जित है।
6) गणेश जी की मूर्ति की आंखों पर पट्टी बांधकर घर ले आएं।
7) जब तक भगवान गणेश प्राणप्रतिष्ठित नहीं हो जाते, तब तक उस मूर्ति में देवत्व नहीं आता।
अत: इसे मिट्टी ही समझना चाहिए।
8) मूर्ति स्थापित करने से पहले यदि किसी कारण से मूर्ति खंडित हो जाए तो बिल्कुल भी डरना नहीं चाहिए।
9) परिवार में या रिश्तेदारी में मृत्यु होने पर सूतक में परिवार के सदस्यों के बजाय पड़ोसियों और दोस्तों को कर्वी पूजा करनी चाहिए।
10) गणपति प्राणप्रतिष्ठा के बाद घर में कोई वाद-विवाद और मांस-मदिरा नहीं होना चाहिए।
11) प्रतिदिन गणपति को साधारण सब्जी रोटी का भोग लगाना ठीक रहता है, केवल खट्टा और मसालेदार भोजन नहीं करना चाहिए, दही + चीनी + चावल सर्वोत्तम प्रसाद है,
12) कोंकण मालवन क्षेत्र में गौरी उत्सव के दौरान गौरी को मटन चढ़ाया जाता है, यह बहुत ही विकृत प्रथा है, गौरी वास्तव में आदिशक्ति पार्वती हैं, पार्वती को निषिद्ध भोजन अर्पित करके पार्वती की पूजा न करें, यह मूर्खतापूर्ण प्रथा बंद होनी चाहिए,
13) विसर्जन जुलूस निकालते समय ताल मृदंग अभंग बोलकर भगवान को अलविदा कहें.
अश्लील नृत्य और गाने न बजाएं! Idol Of Ganpati What Should Be The Idol Of Ganpati?
गणपतीची मूर्ती कशी असावी? या संदर्भात काही महत्त्वाचे नियम पुढीलप्रमाणे सांगता येतील…
१) गणपती १ फुटांपेक्षा जास्त मोठी मुर्ती नसावी,
२) मुर्ती एका व्यक्तीला सहज उचलुन नेता व आणता आली पाहिजे,
३) सिंहासनावर किंवा लोडाला टेकुन बसलेल्या विश्राम अवस्थेतील प्रतिमा सर्वोत्तम.
४) साप, गरुड, मासा, किंवा युद्ध करतांना व चित्रविचित्र आकारातील गणपती मुळीच घेऊ नये,
५) शिवपार्वती च्या मांडीवर बसलेला गणपती मुळीच घेऊ नये,
कारण शिव पार्वती ची पुजा लिंगस्वरुपातच केली जाते शास्त्रात मुर्ती निषिद्ध आहे,
६) गणेश मुर्तीच्या डोळ्यांवर पट्टी बांधून घरी आणूनये,
७) गणपतीची जोपर्यंत प्राणप्रतिष्ठा होत नाही तोपर्यंत त्या मुर्ती मधे देवत्व येत नाही,
तोवर ती केवळ माती समजावी.विधीवत प्राणप्रतिष्ठा करावी,
८) मुर्तीची प्राणप्रतिष्ठापना करण्याअगोदर काही कारणास्तव मुर्ति भंग झाल्यास अजिबात घाबरू नये, त्या मुर्तीस दहीभात नैवेद्य दाखवून त्वरीत विसर्जन करावे, व दुसरी मुर्ती आणुण प्रतिष्ठापना करावी, मनात कोणतेही भय व शंका आणुनये.
९) कुटुंबात किंवा नात्यात मृत्यु झाल्यास सुतकात घरातील व्यक्ती ऐवजी, शेजारी, मित्रमंडळी यांचे करवी पुजा नैवेद्य दाखवून घ्यावा,गणपती विसर्जनाची घाई करू नये,
१०) गणपती प्राणप्रतिष्ठा झाल्यावर घरात वादविवाद व मद्य मांसाहार अजिबात करू नये,
११) गणपती ला साधा भाजी भाकरीचा नैवेद्य रोज दाखवला तरी चालतो, केवळ आंबट व तिखट पदार्थ नसावेत, दही+साखर+भात हा सर्वोत्तम नैवेद्य आहे,
१२) कोकणात मालवण भागात गौरी सणाला गौराईला मटणाचा नैवेद्य दाखवला जातो, ही अत्यंत विकृत प्रथा आहे, गौरी ही साक्षात आदिशक्ती पार्वती आहे, पार्वतीला निषिद्ध पदार्थांचा नैवेद्य दाखवून राक्षसी उपासना करू नका, मुर्ख प्रथा बंद कराव्यात,
१३) विसर्जन मिरवणूक काढतांना टाळ मृदंग अभंग म्हणत परमात्म्याला निरोप द्या,
अश्लील नृत्य व गाणी वाजवून विकृत चाळे करू नका ! Idol Of Ganpati What Should Be The Idol Of Ganpati?